मार्च का महीना शुरू हो गया है और मार्च का महीने में कई किसान अपने खेतों में फसल बोते हैं, लेकिन आज हम किसानों के लिए एक ऐसी फसल के बारे में जानकारी लेकर आए हैं जो कि कम समय में किसानों को ज्यादा कमाई देकर जाती है। अगर आप भी अपनी खेतों में ऐसी फसल बोना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर देखें।
35 दिन में तैयार होने वाली फसल
वैसे तो मार्च के महीने में किसान अपने खेतों में कई तरह की खेती कर सकते हैं। लेकिन उनमें लागत भी ज्यादा आती है और मंडी के भाव भी अच्छे नहीं मिलते हैं। इसीलिए आज हम किसानों के लिए कम समय में, कम लागत में तैयार होने वाली फसल और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं, ताकि किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिल सके।
जैसा कि किसान जानते हैं कि कोई भी फसल अगेती या पछेती बोया जाता है, तो उनका मंडी में अच्छा भाव मिलता है। क्योंकि उसे समय फसल की आवक मंडी में कम होती है जिसके कारण किसानों को ज्यादा भाव मिल पाते हैं। अगर किसान हमारे द्वारा बताई गई इस खेती को करते हैं तो किसानों को 35 दिनों के बाद मंडी में अच्छी कीमत मिल सकती है।
हम यहां पर जिस खेती की बात कर रहे हैं वह हरिया धनिया की है, जो कि करीब 35 दिनों के अंदर तैयार होकर मंडी में बेचे जा सकती है। अगर किसान मार्च के महीने में 15 या 20 मार्च के बीच अपने खेतों में हरिया धनिया की फसल बो लेते हैं, तो 1 महीने के बाद मंडी में किसानों को अच्छा भाव मिलेगा। गर्मियों में हरिया धनिया की आवक कम हो जाती है। जिसके कारण मंडी में किसानों को धनिया का 100 से 150 किलो का मंडी भाव रहता है।
कृषि एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसान इस समय हरिया धनिया बोते हैं तो एक एकड़ में 25 से 30 क्विंटल सामान्य तौर पर हरिया धनिया की उत्पादन होता है, हालांकि गर्मी अधिक होने के कारण उत्पादन में कमी आ सकती है लेकिन सामान्य तौर पर 15 क्विंटल उत्पादन हो सकता है ऐसे में अगर तुलना की जाए तो 100 रुपए किलो मंडी भाव के हिसाब से 15 क्विंटल हरी धनिया का मुनाफा किसानों को अच्छा मिल सकता है।
खेती करने के लिए मुख्य बातें
अगर कोई भी किसान अपने खेतों में हरा धनिया की खेती करते हैं तो नीचे दी गई मुख्य बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि किसानों को उत्पादन अधिक हो सके–
- सबसे पहले किसानों को इस खेती को करने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जिसमें ऊंचे पेड़ और पेड़ों की छांव बनी रहती है, क्योंकि गर्मियों में ज्यादा गर्मी के कारण उत्पादन में कमी आ सकती है।
- फसल में ज्यादा उत्पादन के लिए किसानों को अपने खेतों में बुवाई से पहले एक या दो ट्रॉली गोबर के खाद में डालनी चाहिए,
- किसान अपने खेतों में रासायनिक खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें डीएपी 30 से 40 किलो और यूरिया 25 किलो का इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि हमारी सलाह है कि किसान जैविक खेती के माध्यम से ही फसल का उत्पादन करें।
- धनिया की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच हो तो बेहतर माना जाता है।
- यह फसल 30 से 35 दिनों की भीतर तैयार हो जाती है
- अगर धनिया की अच्छी वैरायटी की बात करें तो नामधारी धनिया अच्छी वैरायटी का होता है जिसमें ज्यादा उत्पादन मिलता है।